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बहन की बार बार चुदाई करनी पड़ी मुझे क्योंकि उसे पहली बार सेक्स करने में ही इतना मजा आया कि उस पर अपनी चूत में लंड डलवाने की धुन सवार हो गयी.<br /><br />अन्तर्वासना के सभी दोस्तों को हर्षद का प्यार भरा नमस्कार.<br /><br />मेरी इस सेक्स कहानी में आप सभी का फिर से स्वागत है.<br /><br />आपने इस कहानी के पिछले भाग<br /><br />बहन ने कुंवारी बुर फड़वा ली<br /><br />में पढ़ा था कि सेक्स से अनभिज्ञ सोनी की पहली चुदाई कैसे और किस हालात में हो गयी थी.<br /><br />ना चाहते हुए भी मुझे मजबूरी में उसके साथ चुदाई करना पड़ी.<br /><br />दोस्तो, इस सेक्स कहानी में आगे जाकर और क्या हुआ? किस तरह चुदाई में सोनी दिलचस्पी लेने लगी? और कैसे मुझे खुद के साथ ये सब करने के लिए बार बार मजबूर करती रही. ये सब जानने के लिए आइए बहन की बार बार चुदाई कहानी का आनन्द लेते हैं.<br /><br />चुदाई के बाद मैंने पेशाब का बहाना बनाकर अपना लंड आहिस्ता से उसकी चूत से बाहर निकाला, तो सोनी भी टेबल पर उठकर बैठ गई.<br /><br />बैठते ही उसकी चूत से ढेर सारा मिश्रित रस टपकने लगा.<br /><br />हम दोनों का कामरस बाहर आकर नीचे फर्श पर टपकने लगा था. मेरा लंड भी कामरस से लबालब होकर चू रहा था.<br /><br />उसकी नोक से भी बूंदें टपकने लगी थीं.<br /><br />सोनी ये सब आंखें फाड़कर देख रही थी.<br /><br />पहले से ही नीचे फर्श पर खून से मिश्रित चूतरस फैला था. उसमें और सारा ढेर सारा वीर्य से मिश्रित चूतरस मिलकर फैलने लगा था.<br /><br />सोनी ने अपने मुँह पर हाथ रखकर कहा- भैया, इतना सारा हम दोनों का? बाप रे ये कैसे हो सकता है? मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है भैया!<br /><br />मैंने कहा- इसमें तुम्हारा ही ज्यादा है, तुम तो तीन बार झड़ चुकी थी … साथ में खून भी मिला हुआ है. पहली बार ये सब होता है. तुम्हें चुदाई की बहुत ज्यादा उत्सुकता लगी थी ना! तुम्हारी चूत की गर्मी इस तरह से बाहर निकल रही है सोनी. अब तुम कली से फूल बन गयी हो. एक कुंवारी लड़की से औरत बन गयी हो सोनी. तुम्हें बहुत बधाई हो!<br /><br />सोनी- ये तो सब सुख तुम्हारी वजह से मिला है भैया! लेकिन भैया तुम्हें कितना मनाना पड़ा इसके लिए, फिर भी मजबूर होकर तुम्हें सब करना पड़ा.<br /><br />वो मेरे लंड की तरफ देखती हुई बोल रही थी.<br /><br />फिर वो टेबल से नीचे उतरी तो खड़ी होते ही कराहने लगी- बहुत दर्द हो रहा है भैया!<br /><br />मैंने उसकी चूत को सहलाया तो वो पूरी तरह से सूज कर लाल हो गयी थी, मैंने कहा- घबराना मत सोनी, मेरे पास दवा है इसकी. तुम ठीक हो जाओगी.<br /><br />सोनी- भैया तुम्हारा वीर्य कितना गाढ़ा, सफेद और मलाई जैसा है. मैं इसका स्वाद ले लूँ क्या भैया?<br /><br />मैंने कहा- हां अब तुम जो चाहो सो करो.<br /><br />सोनी कराहती हुई नीचे बैठी और अपनी जीभ की नोक से मेरे लंड पर से वीर्य के धब्बे को चाटकर मुँह में लेकर बोली- वाह भैया, क्या मस्त स्वाद भरा और टेस्टी है तुम्हारे लंड का अमृत!<br /><br />उसने खुशी से मेरा आधा मुरझाया लंड अपने मुँह में भर लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.<br /><br />मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.<br /><br />उसने दो मिनट में ही मेरा लंड चुसकर साफ कर दिया.<br /><br />मैंने उससे कहा- अब चलो बाथरूम में नहा लेते हैं.<br /><br />वह कराहती हुई उठी और मेरे कंधे का सहारा लेकर पैर फैलाकर चलने लगी थी.<br /><br />मैंने बाथरूम में ले जाकर पहले उसकी चूत को गर्म पानी से देर तक सेक दिया.<br /><br />इससे उसे थोड़ा सा आराम मिल गया था.<br /><br />फिर हम दोनों अच्छे से एक दूसरे को नहलाकर बाहर आ गए.<br /><br />घड़ी में देखा तो 12 बज गए थे.<br /><br />सोनी अपना गाउन पहनती हुई बोली- भैया, समय कैसे बीत गया, पता ही नहीं चला हमें!<br /><br />मैंने कहा- हां सोनी, इस खेल में ऐसा ही होता है. कितना भी कर लो कभी मन नहीं भरता.<br /><br />सोनी एक कपड़े से नीचे फैला हुआ कामरस साफ करती हुई बोली- हां भैया, ऐसे ही मुझे हो रहा है.<br /><br />और सोनी लंगड़ाती हुई कपड़े को बाथरूम में छोड़ आयी.<br /><br />मैंने उसे कुर्सी पर बिठाया और एक क्रीम लेकर आया.<br /><br />उसका शॉर्ट गाउन मैंने कमर तक ऊपर किया और उसके दोनों पैर कुर्सी के दोनों हत्थों पर रख दिए.<br /><br />इससे उसकी चूत खुलकर सामने आ गयी.<br /><br />मैंने अपनी उंगलियों पर क्रीम लेकर उसकी चूत पर सभी ओर लगायी, साथ में चूत के अन्दर भी उंगली डालकर अच्छी तरह से लगा दी.<br /><br />सोनी चूत के अन्दर उंगली चलने के अहसास से कराहने लगी.<br /><br />मैंने कहा- अब तुम दो घंटे में ठीक हो जाओगी. मेरे पास टैबलेट भी है, उसे खाना खाने के बाद लेकर सो जाना. तुम्हारा दर्द दो घंटे में गायब हो जाएगा सोनी.<br /><br />ऐसे ही बातें करते करते काफी समय बीत गया था.<br /><br />सोनी बोली- भैया, मुझे बहुत भूख लगी है. चलो हम नीचे जाकर खाना खाते हैं.<br /><br />मैंने कहा- हां सोनी, मुझे भी बहुत भूख लगी है. चलो अब नीचे चलते हैं.<br /><br />हम दोनों ऊपर के रूम को लॉक करके साथ में नीचे आ गए.<br /><br />सोनी ने खाना गर्म करके हम दोनों के लिए परोस लिया.<br /><br />हम दोनों ने आराम से खाना खा लिया.<br /><br />मैं वहां कुर्सी पर बैठकर आराम करने लगा. सोनी सभी बर्तन उठाकर किचन में ले गयी.<br /><br />थोड़ी देर में वो काम निपटाकर बाहर आ गयी.<br /><br />वह भी कुर्सी लेकर बैठ गयी.<br /><br /><br /><br /><br /><br />मैंने उसे दवा देकर कहा- ये लो पानी के साथ ले लो और सो जाओ यहां थोड़ी देर.<br /><br />सोनी ने वो दवा पानी के साथ ले ली और बोली- चलो भैया हम दोनों थोड़ी देर मम्मी के बेड रूम में ही सो जाते हैं.<br /><br />दोपहर के एक बजे थे.<br /><br />हम दोनों भी थक चुके थे और खाना खाने से नींद भी आंखों पर आने लगी थी.<br /><br />दोनों ही साथ में बुआ के बेड पर सो गए. हमें नींद ने अपने आगोश में कब ले लिया, पता ही नहीं चला.<br /><br />मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि सोनी ने करवट बदलते हुए अपना एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया था.<br /><br />शायद वो नींद में थी.<br /><br />मैं पीठ के बल सोया हुआ था, मैंने घड़ी देखी तो ढाई बजे थे.<br /><br />मैं आंखें बंद करके वैसे ही लेटा रहा.<br /><br />थोड़ी देर के बाद सोनी के रखे हुए हाथ में हलचल होने लगी थी.<br /><br />उसकी उंगलियां मेरे लंड के उभार को पैंट के ऊपर से सहला रही थीं.<br /><br /><br /><br /><br /><br />मैं चुपचाप लेटा रहा.<br /><br />मैंने देखा तो सोनी का शॉर्ट गाउन उसकी कमर तक आ गया था.<br /><br />उसने पैंटी नहीं पहनी थी क्योंकि मैंने ही उसकी चूत पर क्रीम लगाकर कहा था कि पैंटी मत पहनना.<br /><br />अब सोनी ने फिर से करवट ले ली, वह पीठ के बल हो गयी.<br /><br />साथ में वह<br /><br />अपनी जांघें फैलाकर अपना एक हाथ खुली चूत पर रखकर उसे सहलाने लगी और इसी के साथ उसने अपना दूसरा हाथ मेरे लंड पर रख दिया.<br /><br />वो बड़ी आहिस्ता से अपनी उंगलियों से मेरे लौड़े को सहलाने लगी थी.<br /><br />मैं अपनी आंखें बंद करके खुद को रोकने की कोशिश कर रहा था.<br /><br />दो मिनट बाद मेरा रेस्पॉन्स ना मिलने पर उसने चूत पर रखा अपना हाथ हटाया और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रखवा दिया.<br /><br />अब वो मेरे हाथ को अपनी चूत पर दबाने लगी थी.<br /><br />साथ में पैंट के ऊपर से दूसरे हाथ से मेरा लंड सहला रही थी.<br /><br /><br /><br /><br /><br />अब तो मैं अपने लंड को काबू में रख ही नहीं पा रहा था. सोनी मेरी उंगली अपनी चूत की दरार में डालकर सहला रही थी.<br /><br />उसकी कोमल और गर्म चूत के स्पर्श से ही मेरा लंड पैंट के अन्दर फड़फड़ाने लगा था.<br /><br />मेरी पैंट में पूरा तंबू बन गया था.<br /><br />अब तो सोनी बहुत उतावली हो गयी थी. मेरी पैंट में बने तंबू को देखकर वो उठ बैठी और अपने दोनों हाथों से मेरी पैंट जांघों तक नीचे खींच दी.<br /><br />मैंने भी अपनी कमर उठाकर उसे मदद की.<br /><br />इससे उसने पूरी पैंट निकाल कर मुझे नंगा कर दिया और खुद भी अपना गाउन निकालकर नंगी हो गयी.<br /><br />फिर वो घुटनों के बल मेरे बाजू में बैठकर अपने दोनों हाथों से मेरे लंड को सहलाने लगी.<br /><br />मैं भी गर्म होने लगा था और मेरा हाथ अपने आप उठकर सोनी की गोलमटोल, गदराई गांड को सहलाने लगा था, दूसरा हाथ उसकी चूचियों को बारी बारी से सहलाने लगा था.<br /><br />मेरी हरकतों से सोनी सिहर कर आहें भरने लगी थी.<br /><br />वो अब और भी कामुक होकर मेरे लंड पर अपने मुँह से ढेर सारा थूक छोड़ कर लंड को दोनों हाथों से आगे पीछे करके रगड़ने लगी थी. उसने मेरे लंड को थूक से पूरा लबालब कर दिया था.<br /><br /><br /><br /><br /><br />फिर उसने मेरे होंठों पर होंठ रखकर चूमते हुए कहा- भैया, मेरा बहुत मन कर रहा है और चूत में भी बहुत खुजली हो रही है. अब आप जल्दी से लंड डालो ना मेरी चूत में!<br /><br />यह कहते हुए उसने मुझे पकड़ कर उठा दिया.<br /><br />इधर मेरा लंड भी कूदने लगा था, तो मैं उठकर अपने घुटनों के बल आकर सीधा उसके पीछे सट कर बैठ गया.<br /><br />सोनी भी घुटनों के बल ही बैठी थी, तो मेरा लंड सीधे उसकी गांड की दरार में रगड़ मारने लगा था.<br /><br />मैं अपने दोनों हाथों से पीछे से उसकी चूचियां सहलाने लगा. वो मादक सिसकारियां लेने लगी थी.<br /><br />मैंने उसकी गर्दन पर जगह जगह चूमते हुए उसके कान में कहा- सोनी तुमने कभी कुत्ते की चुदाई देखी है?<br /><br />इस पर सोनी बोली- हां देखी है, उसका यहां क्या मतलब है?<br /><br />मैंने कहा- आज हम भी वैसे ही चुदाई करेंगे सोनी.<br /><br />मेरी बात सुनकर सोनी की जिज्ञासा जाग उठी और बोली- सच भैया! मुझे बहुत मजा आएगा. तो आप जल्दी करो ना भैया!<br /><br />मैंने उसे डॉगी पोजीशन में बिठाया. अब मेरे फड़फड़ाते लंड के सामने सोनी की खुली चूत आकर मेरे लोहे जैसे कड़क और मोटे लंड को उकसा रही थी.<br /><br /><br /><br /><br /><br />मैंने एक हाथ में लंड पकड़ा और उसकी चूत पर ऊपर नीचे रगड़ने लगा.<br /><br />सोनी सिहर कर आहें भरने लगी थी और अपनी गांड आगे-पीछे हिलाने लगी थी.<br /><br />सोनी की चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.<br /><br />मेरा लंड भी सोनी ने थूक से गीला कर दिया था. मैंने लंड सही निशाने पर रखते हुए सोनी की कमर को दोनों हाथों से पकड़ा और सटीक धक्का दे मारा.<br /><br /><br /><br /><br /><br />मेरा आधे से अधिक लंड सोनी की चूत में सरसराता हुआ उतरता चला गया था.<br /><br />सोनी जोर से कराहती हुई सिसकारियां लेती हुई अपनी गांड को आहिस्ता से आगे पीछे करने लगी.<br /><br />मैं अपने दोनों हाथों से उसकी गांड और कमर के बीच के हिस्से को पकड़े हुए था.<br /><br />लंड अन्दर सैट होते ही मैं अपनी जांघों से उसकी जांघें और एक हाथ से दोनों चूचियों को बारी बारी से सहलाने लगा था.<br /><br />वह मस्त होने लगी थी.<br /><br />तभी मैंने दूसरा धक्का मारकर पूरा लंड सोनी की चूत में अन्दर तक पेल दिया.<br /><br />सोनी सीत्कारती हुई बोली- आह आहिस्ता से पेलो ना भैया … कितना जोर से धक्का मारा आपने … लेकिन मजा भी आया. भैया तुम्हारा मोटा लौड़ा अन्दर तक आ गया.<br /><br />मैं उसकी पीठ को चूमते हुए अपने लंड को अन्दर बाहर करने लगा.<br /><br />अब सोनी भी मेरे हर धक्के को साथ दे रही थी.<br /><br />हर धक्के के साथ मेरी जांघें उसकी गोरी जांघों पर रगड़ मारने आगी थीं. इससे उसकी गोरी जांघें लाल होने लगी थीं.<br /><br />उसकी उभरी हुई और नीचे लटकती, नुकीली चूचियां हर धक्के के साथ मस्त झूल रही थीं.<br /><br />मैंने दोनों हाथों से उसकी चूचियां पकड़ लीं और पूरे जोर से लंड अन्दर बाहर करने लगा.<br /><br />सोनी अपने एक हाथ को पीछे करके मेरी अंडगोटियां सहलाने लगी.<br /><br />इससे मेरा लंड और भी उत्तेजित होकर सोनी की चूत को जोर जोर से चोदने लगा था.<br /><br />हर धक्के के साथ सोनी के मुँह से मादक सिसकारियां निकल रही थीं.<br /><br />पहली बार एक नए आसन के अनुभव से वो मदहोश होकर मेरे लंड पर जोर से प्रहार करने लगी थी.<br /><br />बीस मिनट की चूत और लंड के बीच हो रही इस घमासान लड़ाई का अंतिम क्षण नजदीक आता जा रहा था.<br /><br />अंतिम चरण में कुछ जोरदार प्रहार अपने लंड से चूत में करने के बाद हम दोनों ही साथ में झड़ गए.<br /><br />मेरे आखिरी धक्के से सोनी थककर अपने पैर लंबे करके नीचे लेट गयी और साथ में मैं भी उसके ऊपर लेट गया.<br /><br />मेरा लंड वीर्य की पिचकारियां मारकर सोनी की चूत भरने लगा था.<br /><br />सोनी की चूत अपने गर्म रस से मेरे लंड को नहला रही थी.<br /><br />हम दोनों थककर तेज सांसें लेकर हांफने लगे थे. मैं अपनी गर्दन उसके कंधे पर रखकर आराम से लेट गया था.<br /><br />सोनी अपनी गांड ऊपर उठाकर मेरा पूरा लंड चूत में लेकर मेरे वीर्य को निचोड़ रही थी.<br /><br /> [https://myheavenmodels.com/blog/category/antarvasna/ Hindi sex story] मिनट के बाद मैंने उठकर अपना लंड चूत से बाहर निकाला और बेड से उतर गया.<br /><br />सोनी भी उठकर खड़ी हो गयी, तो उसकी चूत से हम दोनों का कामरस बाहर आ रहा था.<br /><br />मैंने उसे चूत पर हाथ रखने को कहा.<br /><br />हम दोनों बाथरूम में जाकर एक दूसरे को नहलाकर बाहर आ गए और ऐसे ही नंगे हॉल में बातें करते हुए सोफे पर बैठ गए.<br /><br />कहानी और भी अभी बाकी है दोस्तो, अब तक की बहन की बार बार चुदाई कहानी आप सभी को कैसी लगी? प्लीज मेल व कमेंट्स करना मत भूलना.<br /><br />इस कहानी का अगला भाग जल्द ही आपके मनोरंजन के लेकर हाजिर होता हूँ, तब तक के लिए सभी दोस्तों को नमस्कार.<br /><br />harshadmote97@gmail.com<br /><br />https://myheavenmodels.com/blog/category/antarvasna/<br /><br />बहन की बार बार चुदाई कहानी का अगला भाग:<br /><br />https://www.antarvasna-story.com/<br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br />
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Выкуп: их можно легохонько также легко выкупить. Выплаты могут производиться в физических золотых монетах или слитках.<br /><br />Самый быстрый в мире криптоматчинговый движок, созданный трейдерами для трейдеров.<br /><br />Давайте представим, что Майкл хочет купить что-то у Джона. Для того чтобы зафиксировать свою договоренность, он предлагает Джону заключить смарт-контракт. Он склифосовский звучать так: «Когда Майкл заплатит Джону такую-то сумму в такой-то валюте вследствие такую-то предмет обсуждения, он получит эту штука таким-то образом». Изменить смарт-контракт погодя его запуска невозможно.<br /><br />Можно ли почистить серебро перекисью водорода равным образом как это правильно сделать в домашних условиях?<br /><br />Авторские. Отличаются уникальным дизайном, их получше продавать коллекционерам.<br /><br />Блокчейн чаще всего только служит основой для криптовалют.&nbsp;Еще его используют&nbsp;в банковской сфере,&nbsp;логистике, здравоохранении, ритейле, госорганах, нефтегазовой отрасли, в телекоммуникациях также СМИ, а как и при&nbsp;борьбе с пиратством.<br /><br />Сколько стоит золото вдобавок из-за чего зависит цена на драгметалл<br /><br />Даже в крупных городах России, например в Санкт-Петербурге, цены в разных заведениях будут отличаться.<br /><br />Из чего следует, давайте разберемся, как работет блокчейн: технология, которую все превыше компаний по всему миру выбирают для организации сложных процессов — из-за логистических операций в портах перед покупки квартиры в ипотеку.<br /><br />Управляйте своими средствами с насквозь Кошелька с закрытым ключом<br /><br />Эту вдобавок другую информацию о золоте вы узнаете из статей, если будете подписаны на наши аккаунты в соцсетях.<br /><br />Управляйте своим Кошельком с настольного компьютера, мобильного устройства или обоих.<br /><br /> [https://autentic.capital/ выпустить крипто-активы] как они работают

Revision as of 11:45, 21 June 2023

Выкуп: их можно легохонько также легко выкупить. Выплаты могут производиться в физических золотых монетах или слитках.

Самый быстрый в мире криптоматчинговый движок, созданный трейдерами для трейдеров.

Давайте представим, что Майкл хочет купить что-то у Джона. Для того чтобы зафиксировать свою договоренность, он предлагает Джону заключить смарт-контракт. Он склифосовский звучать так: «Когда Майкл заплатит Джону такую-то сумму в такой-то валюте вследствие такую-то предмет обсуждения, он получит эту штука таким-то образом». Изменить смарт-контракт погодя его запуска невозможно.

Можно ли почистить серебро перекисью водорода равным образом как это правильно сделать в домашних условиях?

Авторские. Отличаются уникальным дизайном, их получше продавать коллекционерам.

Блокчейн чаще всего только служит основой для криптовалют. Еще его используют в банковской сфере, логистике, здравоохранении, ритейле, госорганах, нефтегазовой отрасли, в телекоммуникациях также СМИ, а как и при борьбе с пиратством.

Сколько стоит золото вдобавок из-за чего зависит цена на драгметалл

Даже в крупных городах России, например в Санкт-Петербурге, цены в разных заведениях будут отличаться.

Из чего следует, давайте разберемся, как работет блокчейн: технология, которую все превыше компаний по всему миру выбирают для организации сложных процессов — из-за логистических операций в портах перед покупки квартиры в ипотеку.

Управляйте своими средствами с насквозь Кошелька с закрытым ключом

Эту вдобавок другую информацию о золоте вы узнаете из статей, если будете подписаны на наши аккаунты в соцсетях.

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